top of page

मेरे बारे मेँ

फ्रेडी और रूथ कैनावीरी
impresiondelcalendarioenpdf-140222122241-phpapp01-1_002-2.jpg

यहेजकेल 7:1-27
1 यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा, 2हे मनुष्य के सन्तान, परमेश्वर यहोवा इस्राएल देश से यों कहता है, कि अन्त पृथ्वी के चारोंकोनोंका अन्त आ रहा है। 3 अब अन्त तुम पर होगा। , और मैं अपक्की जलजलाहट तुझ पर भड़काऊंगा, और तेरे चालचलन के अनुसार तेरा न्याय करूंगा; और मैं तेरे सब घिनौने काम तुझ पर डालूंगा। 4 और मेरी आंख तुझे क्षमा न करेगी, और न मैं दया करूंगा; इससे पहिले कि मैं तेरी चालचलन तुझ पर ठहराऊंगा, और तेरे घिनौने काम तेरे बीच में होंगे; और तुम जान लोगे कि मैं यहोवा हूं।
5 परमेश्वर यहोवा यों कहता है: एक बुराई, देखो, एक बुराई आ रही है। 6 अंत आ रहा है, अंत आ रहा है; तुम्हारे विरुद्ध भड़काया है; देख, आ गया है। 7 हे पृय्वी के रहनेवालों, तेरे लिथे भोर होने को है; समय आता है, दिन निकट है; पहाड़ों पर हर्ष का नहीं, परन्‍तु हंगामे का दिन। 8 अब मैं शीघ्र ही तुम पर अपना कोप भड़काऊंगा, और तुम पर अपना जलजलाहट भड़काऊंगा, और तुम्हारे चालचलन के अनुसार तुम्हारा न्याय करूंगा; और मैं तेरे घिनौने कामों को तुझ पर डालूंगा। 9 और मैं न तो आंख मूंदूंगा, और न मैं दया करूंगा; मैं तेरी चालचलन के अनुसार तुझ पर चढ़ाई करूंगा, और तेरे घिनौने काम तेरे बीच में होंगे; और तुम जान लोगे कि दण्ड देने वाला मैं यहोवा हूं।
10 देखो, वह दिन आ रहा है; सुबह हो गई है; लाठी फूल गई है, अभिमान फूट पड़ा है। 11 हिंसा दुष्टता की छड़ी बन गई है; उनमें से कोई न रहेगा, न उनकी भीड़ में से, न उनका अपना, और न शोक करनेवालोंमें से कोई होगा। 12 समय आ गया, वह दिन आ पहुंचा; जो मोल ले, वह आनन्दित न हो, और जो बिकता हो, वह रोए नहीं, क्योंकि सारी भीड़ पर कोप है। क्‍योंकि सारी भीड़ पर से जो दर्शन हुआ है, वह कभी टलेगा नहीं, और उनके अधर्म के कारण कोई अपके प्राण की रक्षा न कर सकेगा।
14 वे नरसिंगा फूंकेंगे, और सब कुछ तैयार करेंगे, और कोई लड़ने को जाने वाला न होगा; क्योंकि मेरी कोप सारी भीड़ पर है। 15 जो कोई मैदान में हो वह तलवार से मरेगा, और जो कोई नगर में होगा वह अकाल और महामारी से भस्म हो जाएगा। वे टाट बान्धे रहेंगे, और वे भय से ढांपे रहेंगे; 19 वे अपनी चान्दी सड़कों पर फेंक देंगे, और उनका सोना फेंक दिया जाएगा; यहोवा के कोप के दिन न तो उनका चान्दी और न उनका सोना उनको छुड़ा सकेगा; वे उसके प्राण को तृप्त न करेंगे, और न उसका पेट भरेंगे, क्योंकि वह उसकी दुष्टता के लिये ठोकर का कारण बना है। 22 और मैं उन से अपना मुंह फेर लूंगा, और मेरा गुप्त स्थान टूट जाएगा; क्योंकि आक्रमणकारी उसमें प्रवेश करेंगे और उसे अपवित्र करेंगे।
23 एक जंजीर बनाओ, क्योंकि देश खूनी अपराधों से भरा है, और नगर उपद्रव से भरा हुआ है: 24 इस कारण मैं अन्यजातियोंमें से दुष्टोंको ले आऊंगा, और वे अपके घरोंके अधिकारी होंगे; और मैं शूरवीरों का घमण्ड मिटा दूंगा, और उनके पवित्र स्थान अपवित्र किए जाएंगे। 25 विनाश आ रहा है; और वे मेल मिलाप को ढूंढ़ेंगे, और कोई न होगा। 26 उल्लंघन पर विघ्न पड़ेगा, और अफ़वाह पर अफ़वाह होगी; और वे भविष्यद्वक्ता से उत्तर मांगेंगे, परन्तु व्यवस्था याजक, और महासभा पुरनियोंके पास से दूर हो जाएगी। 27 राजा विलाप करेगा, और प्रधान शोक और प्रजा के हाथ पहिनाएगा। भूमि कांप उठेगी; मैं उनके साथ उनके चालचलन के अनुसार व्यवहार करूंगा, और उनके निर्णयों से उनका न्याय करूंगा; और वे जान लेंगे कि मैं यहोवा हूं।

bottom of page